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हास्य-व्यंग्य : कोई असर नहीं होगा

खट्ठा-मीठा
खट्ठा-मीठा
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मैं उनकी स्थितिप्रज्ञता देखकर आश्चर्यचकित हूँ। चाहे कोई कुछ भी करे, उनके सम्बंधों पर कोई असर नहीं पडे़गा।
एक पड़ोसी हमारे सैनिकों के सिर काट ले जाये, कोई बात नहीं मित्रता के सम्बंध बने रहेंगे।
एक पड़ोसी अपने लाखों-करोड़ों फालतू आदमी हमारे घर में घुसा दे, सबका स्वागत है। हम उन्हें राशन कार्ड, वोटर कार्ड और पासपोर्ट तक देंगे। पड़ोसी से हमारे सम्बंध हमेशा की तरह मित्रतापूर्ण बने रहेंगे।
एक पड़ोसी हमारे घर में घुसकर डेरा जमाकर बैठ जाये, कोई बात नहीं, हमारे सम्बंधों पर उसका कोई असर नहीं होगा। उससे हमारे सम्बंध उसी प्रकार मित्रतापूर्ण बने रहेंगे, जैसे 1962 से आज तक बने रहे हैं।
एक पड़ोसी हमारी जमीन पर कब्जा कर ले और हटने से मना कर दे, कोई बात नहीं। हम जमीन उसे दान में दे देंगे। हमारी मित्रता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
देश में बलात्कार होते रहें, लोग चीखते-चिल्लाते मोमबत्ती जुलूस निकालते रहें, उन पर कोई असर नहीं होगा। बलात्कार इसी प्रकार होते रहेंगे।
महँगाई डायन के अत्याचारों से लोग तड़पते रहें, प्रदर्शन करते रहें, पर उन पर कोई असर नहीं होगा। महँगाई उसी प्रकार बढ़ती रहेगी।
रोज हजारों-लाखों करोड़ के घोटाले सामने आते रहें, अदालतें उनको लताड़ लगाती रहें, उनके ऊपर कोई असर नहीं होगा। घोटाले इसी प्रकार होते रहेंगे और दोषी लोग कुर्सियों से चिपके रहेंगे।
लगता है कि वे चिकने घड़े हैं, जिस पर पानी की एक भी बूँद नहीं ठहरती। इसलिए उन पर किसी बात का कोई असर नहीं होता। गीता में स्थितिप्रज्ञ योगी के ये ही लक्षण बताये गये हैं। वे सच्चे योगी हैं।
अब तो लगता है कि जब जनता इनके पिछवाड़े पर लात मारकर बाहर कर देगी तभी इन पर कोई असर होगा। वह दिन शीघ्र ही आने वाला है।

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