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हास्य-व्यंग्य : महा चोर-जाँच अधिकारी संवाद

खट्ठा-मीठा
खट्ठा-मीठा
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(एक प्रमाणित खानदानी महा चोर और सीबीआई के एक जाँच अधिकारी इंस्पेक्टर के बीच हुई यह अति गोपनीय बातचीत अत्यन्त गुप्त रीति से जासूस जेम्स बांड द्वारा सुनी गयी है। इसको चुपके से आपके कान में डाल रहा हूँ। इसे अपने तक ही रखना, किसी और को मत बताना।)

इंस्पेक्टर- सब ठीक है। आपका एक मामला मेरे पास जाँच के लिए आया है।
महा चोर- मालूम है। तभी तो आपको फोन किया है। कैसी जाँच चल रही है?
इंस्पेक्टर- जाँच तो चलती ही रहती है, उसका क्या है। पर यह मामला पिछले मामलों से बड़ा है।
महा चोर- अब आप जानो कि हम छोटी-मोटी चोरी-चकारी नहीं करते। अपने स्तर का ध्यान भी रखना पड़ता है।
इंस्पेक्टर- हाँ, यह बात तो है ही। अब आप जाँच रिपोर्ट में क्या लिखवाना चाहते हैं?
महा चोर- जो ठीक लगे लिख दो। जमा करने से पहले हम स्पेलिंग की जाँच कर लेंगे।
इंस्पेक्टर- आप कहें तो टाइपिस्ट आपके पास ही भेज दूँ। जैसा चाहो वैसा टाइप करवा लेना। मेरी अंग्रेजी जरा कमजोर है।
महा चोर- नहीं, नहीं, उसकी जरूरत नहीं है। आप ही टाइप करवा लीजिए। बाद में हम देख लेंगे और ग्रामर-स्पेलिंग सब ठीक करा लेंगे।
इंस्पेक्टर- जी, बहुत अच्छा। जैसी आपकी आज्ञा। जज को तो आप सँभाल ही लेंगे?
महा चोर- उसकी चिन्ता छोड़ो यार। जज तो रिपोर्ट को ही पढ़ेगा। रिपोर्ट आप बना ही देंगे।
इंस्पेक्टर- जी हाँ। और कोई सेवा?
महा चोर- सेवा-वेवा कुछ नहीं, बस यह मामला निपट जाये।
इंस्पेक्टर- निपट जाएगा जी, आप चिन्ता मत कीजिए।

(जेम्स बांड ने इतनी ही बातचीत मुझे बतायी है। आगे की बातचीत बिल्कुल व्यक्तिगत थी। उसको बताना उसने सभ्यता की दृष्टि से उचित नहीं समझा।)

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